
पढमुवसमसहिदाए, विरदाविरदीए चोद्दसा दिवसा।
विरदीए पण्णरसा, विरहिदकालो दु बोधव्वो॥145॥
अन्वयार्थ : प्रथमोपशम सम्यक्त्व सहित पंचम गुणस्थान का उत्कृष्ट विरहकाल चौदह दिन और छट्ठे सातवें गुणस्थान का उत्कृष्ट विरहकाल पंद्रह दिन समझना चाहिये ॥145॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका