तिगुणा सत्तगुणा वा, सव्वट्ठा माणुसीपमाणादो।
सामण्णदेवरासी, जोइसियादो विसेसाहिया॥163॥
अन्वयार्थ : मानुषियों का जितना प्रमाण है उससे तिगुना अथवा सातगुना सर्वार्थसिद्धि के देवों का प्रमाण है। ज्योतिषी देवों का जितना प्रमाण है उससे कुछ अधिक सम्पूर्ण देवराशि का प्रमाण है ॥163॥

  जीवतत्त्वप्रदीपिका