उदये दु वणप्फदिकम्मस्स य जीवा वणप्फदी होंति।
पत्तेयं सामण्णं, पदिट्ठिदिदरे त्ति पत्तेयम्॥185॥
अन्वयार्थ : स्थावर नामकर्म का अवान्तर विशेष भेद जो वनस्पति नामकर्म है उसके उदयसे जीव वनस्पति होते हैं। उनके दो भेद हैं - एक प्रत्येक दसरा साधारण। प्रत्येक के भी दो भेद हैं, प्रतिष्ठित और अप्रतिष्ठित ॥185॥

  जीवतत्त्वप्रदीपिका