जम्बूदीवं भरहो, कोसलसागेदतग्घराइं वा।
खंधंडरआवासा, पुलविशरीराणि दिट्ठंता॥195॥
अन्वयार्थ : जम्बूद्वीप, भरतक्षेत्र, कौशलदेश, साकेत-अयोध्या नगरी और साकेता नगरी के घर ये क्रम से स्कन्ध, अंडर, आवास, पुलवि और देह के दृष्टांत हैं ॥195॥

  जीवतत्त्वप्रदीपिका