
ते वि विसेसेणहिया, पल्लासंखेज्जभागमेत्तेण।
तम्हा ते रासीओ असंखलोगेण गुणिदकमा॥214॥
अन्वयार्थ : ये प्रत्येक अर्धच्छेद राशि पल्य के असंख्यातवें-असंख्यातवें भाग उत्तरोत्तर अधिक हैं। इसलिये ये सभी राशि क्रम से उत्तरोत्तर असंख्यात लोकगुणी है ॥214॥
जीवतत्त्वप्रदीपिका