पयडी सील सहावो, जीवंगाणं अणाइसंबंधो ।
कणयोवले मलं वा, ताणत्थित्तं सयं सिद्धं ॥2॥
अन्वयार्थ : [पयडी सील सहावो] प्रकृति, शील, स्वभाव का [जीवंगाणं अणाइसंबंधो] जीव के साथ अनादि संबंध है [कणयोवले मलं वा] स्वर्ण-पाषाण के समान, [ताणत्थित्तं सयं सिद्धं] यह संबंध स्वयं-सिद्ध है ॥२॥