तेजाकम्मेहिं तिए, तेजा कम्मेण कम्मणा कम्मं ।
कयसंजोगे चदुचदु-चदुदुग एक्कं च पयडीओ ॥27॥
अन्वयार्थ : [तेजाकम्मेहिं तिए] तेजस-कार्माण का तीन के संयोग से और [तेजा कम्मेण कम्मणा कम्मं] तेजस और कार्माण के [कयसंजोगे] संयोग से [चदुचदु-चदुदुग एक्कं च पयडीओ] चार-चार और एक-एक भंग होते हैं ॥२७॥
प्रधान शरीर | मिश्रित शरीर | भंग |
औदारिक | औ.-औ. | औ.-ते. | औ.-का. | औ.-ते.-का.
| 4 |
वैक्रियिक | वै.-वै. | वै.-ते. | वै.-का. | वै.-ते.-का. | 4 |
आहारक | आ.-आ. | आ.-ते. | आ.-का. | आ.-ते.-का. | 4 |
तेजस | ते.-ते. | ते.-का. | | | 2 |
कार्माण | का.-का. | | | | 1 |