णलया बाहू य तहा, णियंबपुट्ठी उरो य सीसो य ।
अट्ठेव हु अंगाइं, देहे सेसा उवंगाइं ॥28॥
अन्वयार्थ : [णलया] दो पैर [बाहू य तहा] दो हाथ [णियंब] नितंभ (पुट्ठा) [पुट्ठी] पीठ [उरो य] और हृदय [सीसो] और मस्तक [अट्ठेव हु अंगाइं देहे] देह में ये आठ अंग होते हैं [सेसा उवंगाइं] शेष सब उपांग हैं ॥२८॥