भत्तपइण्णाइंगिणि-पाउग्गविहीहिं चत्तमिदि तिविहं ।
भत्तपइण्णा तिविहा, जहण्णमज्झिमवरा य तहा ॥59॥
अन्वयार्थ : भक्तप्रतिज्ञा, इंगिनी और प्रायोग्य की विधि से त्यक्तशरीर तीन प्रकार का है । उनमें भक्तप्रतिज्ञा जघन्य, मध्यम तथा उत्‍कृष्ट के भेद से तीन तरह की है ॥५९॥