ओहीकेवलदंसण-णोकम्‍मं ताण णाणभंगो व ।
सादेदरणोकम्मं, इट्ठाणिट्ठण्णपाणादी ॥73॥
अन्वयार्थ : अवधिदर्शनावरण और केवलदर्शनावरण का नोकर्म अवधिज्ञानावरण तथा केवलज्ञानावरण के नोकर्म की तरह ही जानना । साता वेदनीय तथा असाता वेदनीय का नोकर्म क्रम से अपने को रुचने वाली तथा अपने को नहीं रुचे ऐसी खाने-पीने आदि की वस्‍तु जानना ॥७३॥