
पयडिट्ठिदिअणुभागप्पदेसबंधोत्ति चदुविहो बंधो ।
उक्कस्समणुक्कस्सं, जहण्णमजहण्णग त्ति पुधं ॥89॥
अन्वयार्थ : प्रकृतिबंध, स्थितिबंध, अनुभागबंध और प्रदेशबंध इस तरह बंध के चार भेद हैं । तथा इनमें भी हर एक बंध के उत्कृष्ट, अनुत्कृष्ट, जघन्य और अजघन्य इस तरह चार-चार भेद हैं ॥८९॥