अंतोकोडाकोडिट्ठिदिस्स अंतोमुहुत्तमाबाहा ।
संखेज्जगुणविहीणं सव्वजहण्णट्ठिदिस्स हवे ॥157॥
अन्वयार्थ :
अंत:कोड़ाकोड़ी सागर स्थिति की अंतर्मुहूर्त आबाधा है । सब जघन्य स्थितियों की उससे संख्यातगुणी कम आबाधा होती है ।