+ अनुभाग-बंध में शक्ति-भेद के उदाहरण -
सत्ती य लदादारूअट्ठीसेलोवमाहु घादीणं ।
दारूअणंतिमभागोत्ति देसघादी तदो सव्वं ॥180॥
अन्वयार्थ : घातिया कर्मों की फल देने की शक्ति (स्पर्द्धक) लता, दारू, अस्थि और शैल की उपमा वाले चार प्रकार की होती हैं । लता से दारू भाग के अनंतवें भाग तक शक्तिरूप स्पर्द्धक देशघाति हैं और शेष बहुभाग से लेकर शैलभाग तक के स्पर्द्धक सर्वघाति हैं ।