+ समयप्रबद्ध में किस प्रकार के परमाणुओं का ग्रहण -
सयलरसरूवगंधेहिं परिणदं चरमचदुहिं फासेहिं ।
सिद्धादोऽभव्वादोऽणंतिमभागं गुणं दव्वं ॥191॥
अन्वयार्थ : वह समयप्रबद्ध सर्व - पाँच प्रकार के रस, पाँच प्रकार के वर्ण, दो प्रकार की गंध तथा शीतादि चार अंत के स्पर्श - इन से सहित परिणमता हुआ, सिद्धराशि के अनंतवें भाग अथवा अभव्य राशि से अनंतगुणा कर्मरूप पुद्गलद्रव्य जानना ॥191॥