+ मार्गणा में आस्रव -
विजिदचउघाइकम्मे केवलणाणेण णादसयलत्थे ।
वीरजिणे वंदित्ता जहाकमं मग्गणासवं वोच्छे ॥२४॥
विजितचतुर्घातिकर्माणं केवलज्ञानेन ज्ञातसकलार्थं ।
वीरजिनं वन्दित्वा यथाक्रमं मार्गणायामास्रवान् वक्ष्ये ॥
अन्वयार्थ : जिन्होंने चार घातिया कर्मों को जीत लिया है एवं केवलज्ञान के द्वारा संपूर्ण पदार्थों को जान लिया है ऐसे श्री वीर जिनेन्द्र को नमस्कार करके मैं क्रम से मार्गणाओं में आस्रवों को कहूँगा ॥२४॥
मार्गणा में आस्रव
मार्गणा गुणस्थान कुल 5 मिथ्यात्व 12 अविरति 25 कषाय 15 योग
गति नरक 1 से 7 1 51 5 12 23 (-२ वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,औदा.द्वि.)
2 44 0 12 23 9 (11-वै.मि.,कार्मण)
3 40 0 12 19 (अनं.-४) 9
पहला 4 42 0 12 19 11 (9+वै.मि.,कार्मण)
2 से 7 4 40 0 12 19 9
तिर्यञ्च कर्मभूमि 1 53 5 12 25 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
2 48 0 12 25 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
3 42 0 12 21 (25-अनं.-४) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
4 44 0 12 21 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
5 37 0 11 17 (21-अप्र.-४) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भोगभूमि 1 52 5 12 24 (25-नपुंसक वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
2 47 0 12 24 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
3 41 0 12 20 (24-अनं. ४) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
4 43 0 12 20 (24-अनं. ४) 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
लब्ध्यपर्याप्तक 1 42 5 12 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
मनुष्य कर्मभूमि सामान्य 55 5 12 25 13 (15-वै.द्वि.)
1 53 5 12 25 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
2 48 0 12 25 11
3 42 0 12 21 (25-अनं. ४) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
4 44 0 12 21 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
5 37 0 11 (12-त्रसहिंसा अविरति) 17 (21-4 अप्र.) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
6 24 0 0 13 (17-4 प्र.) 11 (15-वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
7-8 22 0 0 13 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
9 भाग 1 16 0 0 7 (13-6 नोकषाय) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 2 15 0 0 6 (7-नपुं. वेद) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 3 14 0 0 5 (6-स्त्री वेद) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 4 13 0 0 4 (5-पुरुष वेद) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 5 12 0 0 3 (4-क्रोध कषाय) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 6 11 0 0 2 (3-मान कषाय) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
भाग 7 10 0 0 1 (2-माया कषाय) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
10 10 0 0 1 9
11-12 9 0 0 0 9
13 7 0 0 0 7 (औदा.द्वि.,कार्मण,सत्य-अनुभय मन-वचन योग)
भोगभूमि 1 52 5 12 24 (25-नपुं.वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
2 47 0 12 24 (25-नपुं.वेद) 11
3 41 0 12 20 (25-अनं. ४,नपुं.वेद) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
4 43 0 12 20 (25-अनं. ४,नपुं.वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.)
लब्ध्यपर्याप्तक 1 42 5 12 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
देव भवनत्रिक, देवियाँ 1 52 5 12 24 (25-नपुं. वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,औदा.द्वि.)
2 47 0 12 24 11
3,4 41 0 12 20 (24-अनं. ४) 9 (15-आ.द्वि.,औदा.द्वि.,वै.मि.,कार्मण)
सौधर्म से ग्रैवेयिक 1 51 5 12 23 (25-२ वेद) 11 (15-आहा.द्वि.,औदा.द्वि.)
2 46 0 12 23 (25-२ वेद) 11
3 40 0 12 19 (23-अनं. ४) 9 (15-आ.द्वि.,औदा.द्वि.,वै.मि.,कार्मण)
4 42 0 12 19 (23-अनं. ४) 11 (15-आ.द्वि.,औदा.द्वि.)
अनुदिश, अनुत्तर 4 42 0 12 19 (23-अनं. ४) 11 (15-आ.द्वि.,औदा.द्वि.)
इंद्रिय एकेन्द्रिय 1 38 5 7 (12-४इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 3 (कार्मण, औदा.द्वि.)
2 32 0 7 (12-४इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
दो इंद्रिय 1 40 5 8 (12-३इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 4 (अनु. वचनयोग,कार्मण,औदा.द्वि.)
2 33 0 8 (12-३इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
तीन इंद्रिय 1 41 5 9 (12-२इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 4 (अनु. वचनयोग,कार्मण,औदा.द्वि.)
2 34 0 9 (12-२इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
चार इंद्रिय 1 42 5 10 (12-1इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 4 (अनु. वचनयोग,कार्मण,औदा.द्वि.)
2 35 0 10 (12-1इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
पंचेंद्रिय 57 5 12 25 15
काय पृथ्वी,जल,वनस्पति 1 38 5 7 (12-४इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 3 (कार्मण, औदा.द्वि.)
2 32 0 7 (12-४इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 2 (कार्मण, औदा.मि.)
अग्नि,वायु 1 38 5 7 (12-४इंद्रिय और मन) 23 (25-२ वेद) 3 (कार्मण, औदा.द्वि.)
त्रस 57 5 12 25 15
योग 10 (४ मन,४ वचन,वैक्रियिक,औदारिक) 1 43 5 12 25 1 (कोई 1 योग)
2 38 0 12 25
3 34 0 12 21 (25-अनं. ४)
4 34 0 12 21 (25-अनं. ४)
9 (४ मन,४ वचन,औदारिक) 5 29 0 11 17 (21-अप्र.-४) 1 (कोई 1 योग)
6,7,8 14 0 0 13 (17-4 प्र.)
9 भाग 1 8 0 0 7 (13-6 नोकषाय)
भाग 2 7 0 0 6 (7-नपुं. वेद)
भाग 3 6 0 0 5 (6-स्त्री वेद)
भाग 4 5 0 0 4 (5-पुरुष वेद)
भाग 5 4 0 0 3 (4-क्रोध कषाय)
भाग 6 3 0 0 2 (3-मान कषाय)
भाग 7 2 0 0 1 (2-माया कषाय)
10 2 0 0 1
11-12 1 0 0 0
5 (2 मन,2 वचन,औदारिक) 13 1 0 0 0 1 (कोई 1 योग)
वैक्रियिक मिश्र 1 43 5 12 25 1 (वैक्रियिक मिश्र)
2 37 0 12 24 (25-नपुं.वेद)
4 33 0 12 20 (25-अनं. ४,स्त्री वेद)
औदारिक मिश्र 1 43 5 12 25 1 (औदारिक मिश्र)
2 38 0 12 25
4 32 0 12 19 (25-अनं. ४,२ वेद)
13 1 0 0 0
आहारक 6 12 0 0 11 (25-कषाय १२,२ वेद) 1 (आहारक या आहारक-मिश्र)
वेद तीनों वेद 1 53 5 12 23 (25-२ वेद) 13 (15-आहारक द्विक)
स्त्री / पुरुष 2 48 0 12 23 13
नपुंसक 47 0 12 23 12 (13-वैक्रियिक मिश्र)
तीनों वेद 3 41 0 12 19 (23-अनं.४) 10 (12-औदा.मिश्र,कार्मण)
पुरुष 4 44 0 12 19 (23-अनं.४) 13
स्त्री 41 0 12 19 (23-अनं.४) 10 (12-औदा.मिश्र,कार्मण)
नपुंसक 43 0 12 19 (23-अनं.४) 12 (13-औदा.मिश्र)
तीनों वेद 5 35 0 11 15 (23-अनं.४,अप्र.४) 9 (13-वैक्रि.द्वि.,औदा.मिश्र,कार्मण)
पुरुष 6 22 0 0 11 (23-12 कषाय) 11 (15-वैक्रि.द्वि.,औदा.मिश्र,कार्मण)
स्त्री / नपुंसक 20 0 0 11 9 (11-आहा.द्विक)
तीनों वेद 7,8 20 0 0 11 9 (11-आहा.द्विक)
तीनों वेद 9 (भाग १) 14 0 0 5 (11-6 नोकषाय) 9 (11-आहा.द्विक)
स्त्री / पुरुष वेद 9 (भाग २)
पुरुष वेद 9 (भाग ३)
कषाय चारों 1 43 5 12 13 (25-१२ कषाय) 13 (15-आहा. द्विक)
2 38 0 12 13 13
3 34 12 12 (13-अनं. १) 10 (13-औदा.मिश्र,वै.मिश्र,कार्मण)
4 37 12 12 (13-अनं. १) 13 (15-आहा.द्वि.)
5 31 11 11 (12-अप्र. १) 9 (13-औदा.मिश्र,वै.द्विक,कार्मण)
6 21 0 10 (11-प्र. १) 11 (15-औदा.मिश्र,वै.द्विक,कार्मण)
7-8 19 10 (11-प्र. १) 9 (15-आहा.द्वि.,औदा.मिश्र,वै.द्विक,कार्मण)
9 भाग 1 13 4 (10-नोकषाय ६)
भाग 2 12 3 (4-नपुं.वेद)
भाग 3 11 2 (3-स्त्री वेद)
भाग 4 10 1 (2-पुरुष वेद)
मान,माया,लोभ भाग 5 9 0 0 1 (३ कषाय में से एक)
माया,लोभ भाग 6 8 0 0 1 (२ कषाय में से एक)
लोभ भाग 7 7 0 0 1 (लोभ कषाय)
10 7 1 (लोभ कषाय)
ज्ञान कुमति / कुश्रुत 1 55 5 12 25 13 (15-आहा.द्वि.)
2 50 0
विभंगावधि 1 52 5 12 25 10 (15-वै.मिश्र,आहा.द्विक,औदा.मिश्र,कार्मण)
2 47 0
मति / श्रुत / अवधि 4 से 12 46 गुणस्थान अनुसार
मन:पर्यय 6 20 0 0 11 (17-प्र. ४,२ वेद) 9
7-8 20 11
9 भाग 1,2,3 16 5 (11-6 नोकषाय)
भाग 4 13 4 (5-पुरुष वेद)
भाग 5 12 3 (4-क्रोध कषाय)
भाग 6 11 2 (3-मान कषाय)
भाग 7 10 1 (लोभ कषाय)
10 10 1 (लोभ कषाय)
11-12 9 0
केवल 13 7 0 7 (औदा.द्वि.,कार्मण,सत्य-अनुभय मन-वचन)
संयम सामायिक, छेदोपस्थापना 6 24 0 0 13 (17-4 प्र.) 11 (15-वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
7-8 22 13 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
9 भाग 1 16 7 (13-6 नोकषाय)
भाग 2 15 6 (7-नपुं. वेद)
भाग 3 14 5 (6-स्त्री वेद)
भाग 4 13 4 (5-पुरुष वेद)
भाग 5 12 3 (4-क्रोध कषाय)
भाग 6 11 2 (3-मान कषाय)
परिहारविशुद्धि 6,7 20 0 0 11 (४ कषाय,६ नोकषाय,१ वेद) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
सूक्ष्मसाम्पराय 10 10 0 0 1 (लोभ) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
यथाख्यात 11,12 9 0 0 0 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
13 7 7 (औदा.द्वि.,कार्मण,सत्य-अनुभय मन-वचन)
देशसंयम 5 37 0 11 (12-त्रसहिंसा अविरति) 17 (21-4 अप्र.) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
असंयम 1 55 5 12 25 13 (15-आहा.द्वि.)
2 50 0
3 43 21 (25-अनं. ४) 10 (13-औदा.मिश्र,वै.मिश्र,कार्मण)
4 46 13 (15-आहा.द्वि.)
दर्शन चक्षु / अचक्षु 1 से 12 57 गुणस्थान अनुसार
अवधिदर्शन 4 से 12 48 अवधि-ज्ञान के समान
केवल 13 7 0 0 0 7 (औदा.द्वि.,कार्मण,सत्य-अनुभय मन-वचन)
लेश्या कृष्ण, नील, कापोत 1 55 5 12 25 13 (15-आहा.द्वि.)
पीत, पद्म, शुक्ल 54 12 (15-आहा.द्वि.,औदा.मिश्र)
कृष्ण, नील, कापोत 2 50 0 13 (15-आहा.द्वि.)
पीत, पद्म, शुक्ल 49 12 (15-आहा.द्वि.,औदा.मिश्र)
छहों 3 43 0 21 (25-अनं. ४) 10 (13-औदा.मिश्र,वै.मिश्र,कार्मण)
कृष्ण, नील 4 45 0 12 (15-आहा.द्वि.,वै.मिश्र)
कापोत, पीत, पद्म, शुक्ल 46 13 (15-आहा.द्वि.)
पीत, पद्म, शुक्ल 5 37 0 11 (12-त्रसहिंसा अविरति) 17 (21-4 अप्र.) 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
6 24 0 13 (17-4 प्र.) 11 (15-वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
7 22 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
शुक्ल 8 22 0 0 13 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
9 भाग 1 16 7 (13-6 नोकषाय)
भाग 2 15 6 (7-नपुं. वेद)
भाग 3 14 5 (6-स्त्री वेद)
भाग 4 13 4 (5-पुरुष वेद)
भाग 5 12 3 (4-क्रोध कषाय)
भाग 6 11 2 (3-मान कषाय)
भाग 7 10 1 (2-माया कषाय)
10 10 1
11,12 9 0
13 7 0 7 (औदा.द्वि.,कार्मण,सत्य-अनुभय मन-वचन)
भव्य अभव्य 1 55 5 12 25 13 (15-आहा. द्विक)
भव्य 1 से 14 57 गुणस्थान अनुसार
सम्यक्त्व उपशम 4 45 0 12 21 12 (15-आहा.द्विक,औदा.मिश्र)
5 37 11 17 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
6 से 8 22 0 13
9 भाग 1 16 7 (13-6 नोकषाय)
भाग 2 15 6 (7-नपुं. वेद)
भाग 3 14 5 (6-स्त्री वेद)
भाग 4 13 4 (5-पुरुष वेद)
भाग 5 12 3 (4-क्रोध कषाय)
भाग 6 11 2 (3-मान कषाय)
भाग 7 10 1 (2-माया कषाय)
10 10 1
11 9 0
वेदक 4 46 0 12 21 13 (15-आहा.द्विक)
5 37 11 17 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
6 24 0 13 11 (15-वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
7 22 9 (15-आहा.द्वि.,वै.द्वि.,औदा.मि.,कार्मण)
क्षायिक 4 से 14 48 गुणस्थान अनुसार
मिश्र 3 43
सासादन 2 50
मिथ्यात्व 1 55
संज्ञी संज्ञी 1 से 12 57 गुणस्थान अनुसार
असंज्ञी 1 45 5 11 25 4 (अनु. वचनयोग,कार्मण,औदा.द्वि.)
2 38 0 2 (कार्मण,औदा.मिश्र.)
आहारक आहारक 1 54 5 12 25 12 (15-आहा.द्विक,कार्मण)
2 49 0
3 43 21 (25-अनं. ४) 10 (15-आहा.द्वि.,वै.मि.,औदा.मि.,कार्मण)
4 45 12 (15-आहा.द्वि.,कार्मण)
5 से 13 37 गुणस्थान अनुसार
अनाहारक 1 43 5 12 25 1 (कार्मण)
2 38 0
4 34 21
13 1 0 0
आस्रव त्रिभंगी -- गाथा 24 से 60