ज्ञानमती :
इस पृथक्त्वैकांत पक्ष में, द्रव्य गुणों से पृथक्त्व गुण;; अपृथक् है या पृथक् कहो यदि, अपृथक् है तब पक्ष अघट;; यदी कहो यह द्रव्य गुणों से, अलग पड़ा तब सिद्ध नहीं;; क्योंकि एक अनेकों में यह, रहता अत: असिद्ध सही
कारिकार्थ-पृथक्त्वैकांत पक्ष में भी पृथक्त्वगुण से पदार्थों को भिन्न मानने पर पृथक्-पृथक् रूप रहे हुए पदार्थ गुण और गुणी सब अपृथक्-अभिन्न हो जायेंगे। एवं सभी को पृथक्त्व-भिन्न-भिन्न मानने पर पृथक्त्वगुण की सिद्धि नहीं हो सकेगी, क्योंकि यह पृथक्त्व गुण अनेक पदार्थों में रहने वाला माना गया है॥
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