
ज्ञानमती :
ये सामान्य वचन ही कहते, अन्यापोह विशेषार्थक;;ऐसा कथन असंगत चूंकी, ये वच नहिं शब्दार्थ कथक;;अत: वचन ये मृषा परन्तू जो अभिप्रेत विशेषारथ;;प्राप्त कराने हेतू ऐसा, स्यात्कार है चिन्ह सुतथ्य
सामान्य वचन विशेष का कथन नहीं करते हैं फिर भी यदि आप मान लेंवे तब तो शब्दार्थ असत्य ही हो जायेंगे। अतएव अभिप्रेत विशेष की प्राप्ति के लिए सत्य लाञ्छन वाला स्यात्कार पद ही है।भावार्थ-अभिप्राय में इष्ट अर्थ विशेष को बताने वाला यह ‘स्यात्’ शब्द चिन्हित स्याद्वाद ही है अन्य सामान्य वचन आदि नहीं है। |