स्वापूर्वार्थव्यवसायात्मकं ज्ञानं प्रमाणम् ॥1॥
अन्वयार्थ : स्व अर्थात् अपने आपको और 'अपूर्वार्थ' अर्थात् जिसे किसी अन्य प्रमाण से जाना नहीं है, ऐसे पदार्थ का निश्चय करनेवाले ज्ञान को प्रमाण कहते हैं ।
Meaning : The valid-knowledge is the definitive knowledge of the self and of the things not ascertained earlier .
टीका