+ स्वव्यवसाय का स्वरूप -
स्वोन्मुखतया प्रतिभासनं स्वस्य व्यवसाय: ॥6॥
अन्वयार्थ : स्वयं की तरफ सन्मुख होने से जो अनुभवन होता है, वही स्व-व्यवसाय कहलाता है।
Meaning : Knowledge of the self (sva) attained through directing attention on the self (sva) is 'svavyavasāya'.

  टीका