+ प्रत्येक द्रव्य के सामान्य गुण -
प्रत्‍येकमष्‍टौ सर्वेषाम् ॥10॥
अन्वयार्थ : सभी (द्रव्यों) में प्रत्येक में आठ-आठ (सामान्य) गुण हैं ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

जीव द्रव्‍य में अचेतनत्‍व और मूर्तत्‍व ये दो गुण नहीं हैं । पुद्गल द्रव्‍य में चेतनत्‍व और अमूर्तत्‍व ये दो गुण नहीं है । धर्म-द्रव्‍य, अधर्म-द्रव्‍य, आकाश-द्रव्‍य और काल-द्रव्‍य इन चार द्रव्‍यों में चेतनत्‍व और मूर्तत्‍व ये दो गुण नहीं हैं । इस प्रकार दो-दो गुणों को छोड़कर प्रत्‍येक द्रव्‍य में आठ-आठ गुण होते हैं । जीव में अस्तित्‍व, वस्‍तुत्‍व, द्रव्‍यत्‍व, प्रमेयत्‍व, अगुरूलघुत्व, प्रदेशत्व, चेतनत्व और अमूर्तत्‍व ये आठ गुण होते है ।

पुद्गल द्रव्‍य में अस्तित्‍व, वस्‍तुत्‍व, द्रव्‍यत्‍व, प्रमेयत्‍व, अगुरूलघुत्‍व, प्रदेशत्‍व, अचेतनत्‍व, मूर्तत्‍व ये आठ गुण होते हैं ।

धर्म-द्रव्‍य, अधर्म-द्रव्‍य, आकाश-द्रव्‍य, काल-द्रव्‍य इन चार द्रव्‍यों में अस्तित्‍व, वस्‍तुत्‍व, द्रव्‍यत्‍व, प्रमेयत्‍व, अगुरूलघुत्‍व, प्रदेशत्‍व, अचेतनत्‍व और अमूर्तत्‍व वे आठ गुण होते हैं ।

अब द्रव्‍यों के विशेष-गुणों को बतलाते हैं --