+ कुछ गुण सामान्य भी और विशेष भी, कैसे? -
अन्‍तस्‍थाश्‍चत्‍वारो गुणाः स्‍वजात्‍यपेक्षया सामान्‍यगुणा विजात्‍यपेक्षयात्त एव विशेषगुणाः ॥14॥
अन्वयार्थ : अन्‍त के चेतनत्‍व, अचेतनत्‍व, मूर्तत्‍व और अमूर्तत्‍व ये चार गुण स्‍वजाति की अपेक्षा से सामान्‍य-गुण तथा विजाति की अपेक्षा से विशेष-गुण कहे जाते हैं ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

सूत्र ९, १० व ११ की टीका में इसका विशेष कथन है ।