पं-रत्नचन्द-मुख्तार
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उपनयों का कथन
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उपनयाश्च कथ्यन्ते ॥42॥
अन्वयार्थ :
अब उपनयों का कथन करते हैं ।
मुख्तार
मुख्तार :
उपनय के लक्षण कथन करने के लिये सूत्र कहते हैं ।