+ नैगमनय के प्रकार -
नैगमस्‍त्रेधा भूतभाविवर्तमानकालभेदात् ॥64॥
अन्वयार्थ : भूत भावि वर्तमानकाल के भेद से नैगमनय तीन प्रकार का है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

नैगम नय का स्‍वरूप सूत्र ४१ की टीका में कहा गया है और आगे सूत्र १९६ में कहेंगे । नैगमनय के तीन भेदों का स्‍वरूप ग्रंथकार कहते हैं । कुछ आचार्य नैगमनय छह प्रकार की कहते हैं । जैसे -- १. अतीत को वर्तमान, २. वर्तमान को अतीत, ३. अनागत को वर्तमान, ४. वर्तमान को अनागत, ५. अनागत को अतीत, ६. अतीत को अनागत कहना ।