पं-रत्नचन्द-मुख्तार
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संग्रह-नय के प्रकार
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संग्रहो द्वेधा: ॥68॥
अन्वयार्थ :
संग्रह नय दो प्रकार का है १. सामान्य संग्रह २. विशेष संग्रह । अथवा, शुद्ध संग्रह, अशुद्ध संग्रह के भेद से दो प्रकार का है ।
मुख्तार
मुख्तार :
सामान्य संग्रह को शुद्ध संग्रह और विशेष संग्रह को अशुद्ध संग्रह समझना चाहिये ।
शुद्ध संग्रह अथवा सामान्य संग्रह का स्वरूप --