पं-रत्नचन्द-मुख्तार
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ऋजुसूत्रनय के प्रकार
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ऋजुसूत्रोपि द्विविध: ॥73॥
अन्वयार्थ :
ऋजुसूत्र नय भी दो प्रकार का है ।
मुख्तार
मुख्तार :
ऋजुसूत्र नय का विशेष कथन सूत्र ४१ की टीका में है ।
सूक्ष्म ऋजुसूत्र नय का स्वरूप --