शब्दसमभिरूढैवंभूता नयाः प्रत्येकमेकैका नयाः ॥76॥
अन्वयार्थ : शब्द-नय, समभिरूढ-नय और एवंभूत-नय इन तीनों नयों में से प्रत्येक नय एक एक प्रकार का है । शब्द-नय एक प्रकार का है, समभिरूढ-नय एक प्रकार का है तथा एवंभूत-नय एक प्रकार का है ।
मुख्तार
मुख्तार :
शब्द नय एक प्रकार का है, समभिरूढ नय एक प्रकार का है तथा एवंभूत नय एक प्रकार का है ।
शब्द नय का कथन -
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