+ नास्ति-स्‍वभाव -
परस्‍वरूपेणाभावान्‍नास्तिस्‍वभाव: ॥107॥
अन्वयार्थ : पर-स्‍वरूप नहीं होना नास्ति स्‍वभाव है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :


परस्‍वरूपेणाभावत्‍वान्‍नास्तिस्‍वभावं ॥सं.न.च.६१॥
अर्थ – पर-स्‍वरूप की अपेक्षा अभाव होने से नास्ति-स्‍वभाव है ।

सूत्र में 'अभावात्' शब्‍द का अर्थ अभवनात् है ।