अन्वयार्थ : उस द्रव्य का अनेक पर्यायरूप परिणत होने से अनित्य स्वभाव है ।
मुख्तार
मुख्तार :
प्रतिसमय उत्पाद व्यय की दृष्टि से द्रव्य परिणमनशील होने अथवा पर्यायार्थिक नय की अपेक्षा द्रव्य अनित्य-स्वभावी है । प्रमाण की अपेक्षा द्रव्य नित्यानित्यात्मक है ।