पं-रत्नचन्द-मुख्तार
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एक-स्वभाव
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स्वभावानामेकाधारत्वादेकस्वभाव: ॥110॥
अन्वयार्थ :
सम्पूर्ण स्वभावों का एक आधार होने से एक स्वभाव है ।
मुख्तार
मुख्तार :
अनेक गुणों, पर्यायों और स्वभावों का एक द्रव्य सामान्य आधार होने से द्रव्य एक स्वभावी है ।
सामान्यरूपेणैकत्वमिति ॥सं.न.च.६५॥
अर्थ –
सामान्य की अपेक्षा एक स्वभाव है ।