+ स्‍वभाव गुण नहीं -
धर्मापेक्षया स्‍वभावा गुणा न भवन्ति ॥118॥
अन्वयार्थ : धर्मों की अपेक्षा स्‍वभाव गुण नहीं होते ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

ऐसे भी स्‍वभाव है जो गुण नहीं हैं । जैसे -- 'नास्तित्‍व' स्‍वभाव तो है परन्‍तु गुण नहीं है । इसी प्रकार एक-स्‍वभाव, अनेक-स्‍वभाव, भेद-स्‍वभाव, अभेद-स्‍वभाव आदि के विषय में भी जानना चाहिये । गुण और स्‍वभाव में क्‍या अन्‍तर है, इस सम्‍बन्‍ध में सूत्र २८ के विशेषार्थ में सविस्‍तार कथन हो चुका है ।