+ सर्वथा असद्रूप मानने में दोष -
तथा असद्रूपस्य सकलशून्यताप्रसंगात्‌ ॥128॥
अन्वयार्थ : यदि सर्वथा एकान्‍त से असद्रूप माना जाय तो सकल-शून्‍यता का प्रसंग आ आयगा ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

सर्वथा असद्-रूप मानने पर सम्‍पूर्ण पदार्थ असदात्‍मक हो जायेंगे, क्‍योंकि स्‍वरूप से भी अभाव मानना पड़ेगा । अतः कोई भी वस्‍तु सद्-रूप न रहने से सकल-शून्‍यता हो जायेगी ।