
मुख्तार :
सूत्र ३५ में, प्रत्यक्ष और परोक्ष-प्रमाण के ऐसे दो भेद किये गये थे । यहाँ पर सविकल्प और निर्विकल्प की अपेक्षा प्रमाण के दो भेद किये गये हैं । जिस ज्ञान में प्रयत्नपूर्वक, विचारपूर्वक या इच्छापूर्वक पदार्थ को जानने के लिये उपयोग लगाना पड़े वह सविकल्प है । इससे विपरीत निर्विकल्प है । |