+ शब्‍द-नय -
शब्‍दात् व्‍याकरणात् प्रकृतिप्रत्‍ययद्वारेण सिद्धः शब्‍दः शब्‍दनयः॥200॥
अन्वयार्थ : जो नय शब्‍द अर्थात् व्‍याकरण से प्रकृति और प्रत्‍यय के द्वारा सिद्ध अर्थात् निष्‍पन्‍न शब्‍द को मुख्‍यकर विषय करता है वह शब्‍द नय है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

इस नय का कथन सूत्र ४१ के विशेषार्थ में तथा सूत्र ७७ में है ।