+ असद्भूत व्‍यवहार-नय -
अन्‍यत्र प्रसिद्धस्‍य धर्मस्‍यान्‍यत्र समारोपणमसद्भूतव्‍यवहारः ॥207॥
अन्वयार्थ : अन्‍यत्र प्रसिद्ध वर्ष (स्‍वभाव) अन्‍यत्र समारोप (निक्षेप) करने वाला असद्भूत व्‍यवहारनय है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

इसका विशेष कथन सूत्र ४४ के विशेषार्थ में है और इसके भेदों का कथन सूत्र ८४ से ८७ तक है ।