+ उपचरित-असद्भूत व्‍यवहार-नय -
असद्भूतव्‍यवहार एवोपचारः, उपचारादप्‍युपचारं यः करोति स उपचरितासद्भूतव्‍यवहारः ॥208॥
अन्वयार्थ : असद्भूत व्‍यवहार ही उपचार है, जो नय उपचार से भी उपचार करता है वह उपचरित-असद्भूत-व्‍यवहार नय है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

उपचरित-असद्भूत-व्‍यवहार नय का विशेष कथन सूत्र ४४ के विशेषार्थ में है और इसके भेदों का कथन सूत्र ८८ से ९१ तक है ।