+ उपचार पृथक् नय नहीं -
उपचारः पृथग् नयो नास्‍तीति न पृथक् कृतः ॥211॥
अन्वयार्थ : उपचार पृथक् नय नहीं है अतः उसके पृथक् रूप से नय नहीं कहा है ।

  मुख्तार 

मुख्तार :

व्‍यवहार नय के तीन भेद कहे हैं १. सद्भूत व्‍यवहार, २. असद्भूत व्‍यवहार, ३. उपचरित असद्भूत व्‍यवहार । इस तीसरे भेद में उपचार नय का अन्‍तर्भाव हो जाता है ।