
तत्र निश्चयो द्विविधः शुद्धनिश्चयोऽशुद्धनिश्चयश्च ॥217॥
अन्वयार्थ : उनमें से निश्चय नय दो प्रकार का है -- १. शुद्धनिश्चय, २. अशुद्धनिश्चय ।
मुख्तार
मुख्तार :
शुद्ध-निश्चयनय का विषय शुद्ध-द्रव्य है । अशुद्ध-निश्चयनय का विषय अशुद्ध-द्रव्य है ।
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