+ दोनों नय परस्पर विरुद्ध -
दव्वट्ठियवत्तव्वं अवत्थु णियमेण पज्जवणयस्स ।
तह पज्जववत्थु अवत्थुमेव दवट्ठियनयस्स ॥१०॥
द्रव्यार्थिकवक्तव्यमवस्त्व-नियमेन पर्यवनयस्य ।
तथा पर्ययवस्त्ववस्तेव द्रव्यार्थिकनयस्य ॥10॥
अन्वयार्थ : [दव्वट्टियवत्तव्वं] द्रव्यार्थिक (नय का) वक्तव्य [पज्जवणयस्स] पर्यावार्थिक नय के (लिए) [णियमेण] नियम से [अवत्थु] अवस्तु (है) [तह] उसी प्रकार (से) [दव्वट्ठियणयस्स] द्रव्यार्थिक नय के (लिए) [पज्जववत्थु] पर्यायार्थिक (की) वस्तु [अवत्युमेव] अवस्तु ही है ।
Meaning : Paryayastika does not view the positive assertion of Dravyastika as its legitimate subject. On the other hand Dravyastika looks down upon the statement of Parya. yastika in the same fashion.

  विशेष