अण्णाणादो मोक्खो णाणं णत्थीति मुत्तजीवाणं ॥
पुणरागमनं भमणं भवे भवे णत्थि जीवस्स ॥21॥
अज्ञानतो मोक्षो ज्ञानं नास्तीति मुक्तजीवानाम् ।
पुनरागमनं भ्रमणं भवे भवे नास्ति जीवस्य ॥२१॥
अन्वयार्थ : अज्ञान से मोक्ष होता है । मुक्त जीवों को ज्ञान नहीं होता । जीवों का पुनरागमन नहीं होता, अर्थात् वे मरकर फिर जन्म नहीं लेते और उन्हें भवभव में भ्रमण नहीं करना पडता ।