+ नरक और तिर्यञ्च गति मार्गणा में उदय -
नरक और तिर्यञ्च गति मार्गणा में उदय

  विशेष 

विशेष :


नरक और तिर्यञ्च गति मार्गणा में उदय
उदय अनुदय व्युच्छिति
नरक 1 मिथ्यात्व 74 2 (सम्यक-मिथ्यात्व, सम्यक्त्व) 1 (मिथ्यात्व)
सासादन 72 4 (नरक आनुपूर्वी) 4 (अनंतानुबंधी 4)
मिश्र 69 (सम्यक-मिथ्यात्व) 7 1 (सम्यक-मिथ्यात्व)
अविरत 70 (सम्यक्त्व, नरकानुपूर्वी) 6 12
2-7 मिथ्यात्व 74 2 (सम्यक-मिथ्यात्व, सम्यक्त्व) 2 (मिथ्यात्व, नरकानुपूर्वी)
सासादन 72 4 4 (अनंतानुबंधी 4)
मिश्र 69 (सम्यक-मिथ्यात्व) 7 1 (सम्यक-मिथ्यात्व)
अविरत 69 (सम्यक्त्व) 7 11
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 76 = 42 घातिया (47 - स्त्यानत्रिक, वेद 2 [पुरुष, स्त्री]) + नरक आयु + नीच-गोत्र + वेदनीय 2 + 29 नाम (वैक्रियिक-द्विक, तेजस, कार्माण, स्थिर-अस्थिर, शुभ-अशुभ, अप्रशस्तविहायोगति, हुंडकसंस्थान, निर्माण, पंचेन्द्रिय जाति, नरक 2 [गति, आनुपूर्वी], दुर्भग-चतुष्क, अगुरुलघुचतुष्क, त्रसचतुष्क, वर्णचतुष्क)
तिर्यञ्च सामान्य मिथ्यात्व 105 2 (सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति) 5 (मिथ्यात्व, सूक्ष्मत्रय, आतप)
सासादन 100 7 9 (अनंतानुबंधी ४, स्थावर, जातिचतुष्क)
मिश्र 91 (+सम्यक-मिथ्यात्व) 16 (तिर्यंचानुपूर्वी) 1 (सम्यकमिथ्यात्व)
अविरत 92 (सम्यक प्रकृति, तिर्यंचानुपूर्वी) 15 8 (अप्रत्याख्यानावरण ४, तिर्यंचानुपूर्वी, अनादेय, अयशःकीर्ति, दुर्भग)
संयतासंयत 84 23 8 (प्रत्याख्यानावरण ४, नीच गोत्र, तिर्यन्च गति, तिर्यन्च आयु, उद्योत)
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 107 = 122 - 15 (मनुष्य-त्रिक, वैक्रियकअष्टक, उच्च-गोत्र, आहारक-द्विक, तीर्थंकर)
पंचेंद्रिय मिथ्यात्व 97 2 (सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति) 2 (मिथ्यात्व, अपर्याप्त)
सासादन 95 4 4 (अनंतानुबंधी ४)
मिश्र 91 (+सम्यक-मिथ्यात्व) 8 (तिर्यंचानुपूर्वी) 1 (सम्यकमिथ्यात्व)
अविरत 92 (+सम्यक प्रकृति, तिर्यंचानुपूर्वी) 7 8 (अप्रत्याख्यानावरण ४, तिर्यंचानुपूर्वी, अनादेय, अयशःकीर्ति, दुर्भग)
संयतासंयत 84 15 8 (प्रत्याख्यानावरण ४, नीच गोत्र, तिर्यन्च गति, तिर्यन्च आयु, उद्योत)
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 99 = 107 - 8 (सूक्ष्म, साधारण, स्थावर, आतप, जातिचतुष्क)
पंचेंद्रिय पर्याप्त मिथ्यात्व 95 2 (सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति) 1 (मिथ्यात्व)
सासादन 94 3 4 (अनंतानुबंधी ४)
मिश्र 90 (+सम्यक-मिथ्यात्व) 7 (तिर्यंचानुपूर्वी) 1 (सम्यकमिथ्यात्व)
अविरत 91 (+सम्यक प्रकृति, तिर्यंचानुपूर्वी) 6 8 (अप्रत्याख्यानावरण ४, तिर्यंचानुपूर्वी, अनादेय, अयशःकीर्ति, दुर्भग)
संयतासंयत 83 14 8 (प्रत्याख्यानावरण ४, नीच गोत्र, तिर्यन्च गति, तिर्यन्च आयु, उद्योत)
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 97 = 107 - 10 (सूक्ष्म, साधारण, स्थावर, आतप, जातिचतुष्क, स्त्रीवेद, अपर्याप्त)
योनिमती पर्याप्त मिथ्यात्व 94 2 (सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति) 1 (मिथ्यात्व)
सासादन 93 3 5 (अनंतानुबंधी ४, तिर्यंचानुपूर्वी)
मिश्र 89 (+सम्यक-मिथ्यात्व) 7 1 (सम्यकमिथ्यात्व)
अविरत 89 (+सम्यक प्रकृति) 7 7 (अप्रत्याख्यानावरण ४, अनादेय, अयशःकीर्ति, दुर्भग)
संयतासंयत 82 14 8 (प्रत्याख्यानावरण ४, नीच गोत्र, तिर्यन्च गति, तिर्यन्च आयु, उद्योत)
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 96 = 107 - 11 (सूक्ष्म, साधारण, स्थावर, आतप, जातिचतुष्क, वेद 2 [पुरुष, नपुंसक], अपर्याप्त)
पंचेंद्रिय लब्ध्यपर्याप्त उदय-योग्य प्रकृतियाँ 71 = 107 - 36 (सूक्ष्म, साधारण, स्थावर, आतप, उद्योत, जातिचतुष्क, वेद 2 [पुरुष, स्त्री], स्त्यानत्रिक, पर्याप्त, परघात, उच्छ्वास, सुस्वर-दुस्वर, विहायोगति 2, यशस्कीर्ति, आदेय, संहनन 5, संस्थान 5, सुभग, सम्यक्त्व, मिश्र)
भोगभूमि तिर्यञ्च मिथ्यात्व 77 2 (सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति) 1 (मिथ्यात्व)
सासादन 76 3 4 (अनंतानुबंधी ४)
मिश्र 72 (+सम्यक-मिथ्यात्व) 7 (-तिर्यञ्चानुपूर्वी) 1 (सम्यकमिथ्यात्व)
अविरत 73 (+सम्यक्त्वप्रकृति) 6 5 (अप्रत्याख्यानावरण ४, तिर्यञ्चानुपूर्वी)
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 79 = 107 - 28 (स्त्यानत्रिक, नपुंसक-वेद, सूक्ष्म, साधारण, स्थावर, आतप, जातिचतुष्क, अपर्याप्त, संहनन 5, संस्थान 5, दुर्भगचतुष्क, अप्रशस्त विहायोगति)