विशेष :
|
कषाय मार्गणा में कर्म का उदय |
उदय |
अनुदय |
व्युच्छिति |
क्रोध |
मिथ्यात्व* |
105 |
4 (-सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति, आहारक-द्विक) |
5 (मिथ्यात्व, सूक्ष्म, आतप, अपर्याप्त, साधारण) |
सासादन |
99 |
10 (-नरक आनुपूर्वी) |
6 (अनंतानुबंधी क्रोध, स्थावर, जातिचतुष्क) |
मिश्र |
91 (+सम्यक-मिथ्यात्व) |
18 (आनुपूर्वी ३) |
1 (सम्यकमिथ्यात्व) |
अविरत |
95 (+सम्यक-प्रकृति, आनुपूर्वी ४) |
14 |
14 (अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, वैक्रियिक-अष्टक, मनुष्यानुपूर्वी, तिर्यञ्चानुपूर्वी, अनादेय, अयशःकीर्ति, दुर्भग) |
संयतासंयत |
81 |
28 |
5 (प्रत्याख्यानावरण क्रोध, नीच गोत्र, तिर्यन्च गति, तिर्यन्च आयु, उद्योत) |
प्रमत्तसंयत |
78 (+आहारक-द्विक) |
31 |
5 (स्त्यान-त्रिक, आहारक-द्विक) |
अप्रमत्तसंयत |
73 |
36 |
4 (संहनन ३ [असंप्राप्तासृपाटिका, कीलक, अर्द्धनाराच], सम्यक प्रकृति) |
अपूर्वकरण |
69 |
40 |
6 (हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा) |
अनिवृतिकरण |
63 |
46 |
63 (संज्वलन क्रोध, वेद ३, संहनन ३ [नाराच, वज्रनाराच, वज्रवृषभनाराच], ज्ञानावरण ५, दर्शनावरण ६ [अवधि, केवल, निद्रा, प्रचला, चक्षु, अचक्षु], अंतराय ५, वेदनीय २, संस्थान ६, औदारिक-द्विक, तैजस-कर्माण शरीर, निर्माण, वर्णचतुष्क, अगुरुलघुचतुष्क, प्रत्येक, शुभ-अशुभ, स्थिर-अस्थिर, विहायोगति २, स्वर-द्विक, उच्च-गोत्र, मनुष्य २ [गति, आयु], पंचेन्द्रिय-जाति, त्रसत्रिक, सुभग, आदेय, यशःकीर्ति) |
उदय-योग्य प्रकृतियाँ 109 = 122 - 13 (12 कषाय [मान, माया और लोभ], तीर्थकर) |
क्रोध के समान मान, माया और लोभ में भी उदय योग्य प्रकृतियाँ 109 । लोभ में गुणस्थान सूक्ष्म-सांपरायिक तक |
*अनन्तानुबंधी क्रोध रहित मिथ्यात्व गुणस्थान में उदय-योग्य प्रकृतियाँ 91 = 122 - 31 (अनंतानुबंधी क्रोध, 12 कषाय [मान, माया और लोभ], स्थावरचतुष्क, आनुपूर्वी 4, जातिचतुष्क, आतप, सम्यकमिथ्यात्व, सम्यक प्रकृति, आहारक-द्विक, तीर्थकर) |
लोभ |
अनिवृतिकरण |
63 |
46 |
3 वेद |
सूक्ष्म-सांपरायिक |
60 |
49 |
60 (संज्वलन लोभ, संहनन ३ [नाराच, वज्रनाराच, वज्रवृषभनाराच], ज्ञानावरण ५, दर्शनावरण ६ [अवधि, केवल, निद्रा, प्रचला, चक्षु, अचक्षु], अंतराय ५, वेदनीय २, संस्थान ६, औदारिक-द्विक, तैजस-कर्माण शरीर, निर्माण, वर्णचतुष्क, अगुरुलघुचतुष्क, प्रत्येक, शुभ-अशुभ, स्थिर-अस्थिर, विहायोगति २, स्वर-द्विक, उच्च-गोत्र, मनुष्य २ [गति, आयु], पंचेन्द्रिय-जाति, त्रसत्रिक, सुभग, आदेय, यशःकीर्ति) |
|