+ देशविरती के सत्व में 40 स्थान / 48 भंग -
देशविरत गुणस्थान के सत्व में 40 स्थान और उनके 48 भंग

  विशेष 

विशेष :


देशविरत गुणस्थान के सत्व में 40 स्थान और उनके 48 भंग कुल
अनंतानुबंधी के सत्व सहित अनंतानुबंधी विसंयोजक क्षायिक-सम्यक्त्व प्रस्थापक कृतकृत्य वेदक क्षायिक सम्यक्त्वी
तीर्थंकर, आहारक-४ सहित बद्धायुष्क स्थान 146 (-2 आयु [तिर्यञ्च, नरक]) 142 (-अनंतानुबंधी ४) 141 (-मिथ्यात्व) 140 (-मिश्रमोहनीय) 139 (-सम्यक्त्व)
भंग 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 5
अबद्धायुष्क स्थान 145 141 140 139 138
भंग 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 5
तीर्थंकर रहित बद्धायुष्क स्थान 145 (148-2 आयु [नरक, तिर्यञ्च | मनुष्य]-तीर्थंकर) 141 (145-4 अनंतानुबंधी) 140 (141-मिथ्यात्व) 139 (140-मिश्रमोहनीय) 138 (139-सम्यक्त्व)
भंग 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु ब. देवायु) 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 7
अबद्धायुष्क स्थान 144 140 139 138 137
भंग 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु) 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 7
आहारक चतुष्क रहित बद्धायुष्क स्थान 142 138 137 136 135
भंग 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 5
अबद्धायुष्क स्थान 141 137 136 135 134
भंग 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 5
तीर्थंकर, आहारक-४ रहित बद्धायुष्क स्थान 141 137 136 135 134
भंग 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु ब. देवायु) 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) 7
अबद्धायुष्क स्थान 140 136 135 134 133
भंग 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु) 2 (भु. मनुष्यायु / तिर्यञ्चायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 1 (भु. मनुष्यायु) 7