|
6-7 गुणस्थान के सत्व में 40 स्थान और उनके 40 भंग |
कुल |
| अनंतानुबंधी के सत्व सहित |
अनंतानुबंधी विसंयोजक |
क्षायिक-सम्यक्त्व प्रस्थापक |
कृतकृत्य वेदक |
क्षायिक सम्यक्त्वी |
| तीर्थंकर, आहारक-४ सहित |
बद्धायुष्क |
स्थान |
146 (148-2 आयु [तिर्यञ्च-नरक]) |
142 (146-अनंतानुबंधी ४) |
141 (142-मिथ्यात्व) |
140 (141-मिश्रमोहनीय) |
139 (140-सम्यक्त्व) |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
5 |
| अबद्धायुष्क |
स्थान |
145 |
141 |
140 |
139 |
138 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
5 |
| तीर्थंकर रहित |
बद्धायुष्क |
स्थान |
145 (-2 आयु [तिर्यञ्च-नरक], तीर्थंकर) |
141 (145-अनंतानुबंधी ४) |
140 (141-मिथ्यात्व) |
139 (140-मिश्रमोहनीय) |
138 (139-सम्यक्त्व) |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
5 |
| अबद्धायुष्क |
स्थान |
144 |
140 |
139 |
138 |
137 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
5 |
| आहारक चतुष्क रहित
| बद्धायुष्क
| स्थान |
142 |
138 |
137 |
136 |
135 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
5 |
| अबद्धायुष्क |
स्थान |
141 |
137 |
136 |
135 |
134 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
5 |
| तीर्थंकर, आहारक-४ रहित |
बद्धायुष्क |
स्थान |
141 |
137 |
136 |
135 |
134 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
1 (भु. मनुष्यायु ब. देवायु) |
5 |
| अबद्धायुष्क |
स्थान |
140 |
136 |
135 |
134 |
133 |
| भंग |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
1 (भु. मनुष्यायु) |
5 |