+ चारों गति में आयु कर्म के त्रिसंयोग भंग -
चारों गति में आयु कर्म के त्रिसंयोग भंग

  विशेष 

विशेष :


आयु कर्म के त्रिसंयोग भंग गुणस्थान
गति कुल-भंग भंग आयु बंध उदय सत्त्व 1 2 3 4 5 6 / 7 उ.श्रे. क्ष.श्रे.
नरक 5 1 अबंध -na- नरक नरक -na- -na- -na- -na-
2 बंध मनुष्य नरक नरक, मनुष्य X
तिर्यञ्च नरक नरक, तिर्यञ्च X X
2 उपरतबंध -na- नरक नरक, मनुष्य
-na- नरक नरक, तिर्यञ्च
तिर्यञ्च 9 1 अबंध -na- तिर्यञ्च तिर्यञ्च
4 बंध नरक तिर्यञ्च तिर्यञ्च, नरक X X X X
तिर्यञ्च तिर्यञ्च तिर्यञ्च, तिर्यञ्च X X X
मनुष्य तिर्यञ्च तिर्यञ्च, मनुष्य X X X
देव तिर्यञ्च तिर्यञ्च, देव X
4 उपरतबंध -na- तिर्यञ्च तिर्यञ्च, नरक X
-na- तिर्यञ्च तिर्यञ्च, तिर्यञ्च X
-na- तिर्यञ्च तिर्यञ्च, मनुष्य X
-na- तिर्यञ्च तिर्यञ्च, देव
मनुष्य 9 1 अबंध -na- मनुष्य मनुष्य
4 बंध नरक मनुष्य मनुष्य, नरक X X X X X X X
तिर्यञ्च मनुष्य मनुष्य, तिर्यञ्च X X X X X X
मनुष्य मनुष्य मनुष्य, मनुष्य X X X X X X
देव मनुष्य मनुष्य, देव X X X
4 उपरतबंध -na- मनुष्य मनुष्य, नरक X X X X
-na- मनुष्य मनुष्य, तिर्यञ्च X X X X
-na- मनुष्य मनुष्य, मनुष्य X X X X
-na- मनुष्य मनुष्य, देव X
देव 5 1 अबंध -na- देव देव -na- -na- -na- -na-
2 बंध मनुष्य देव देव, मनुष्य X
तिर्यञ्च देव देव, तिर्यञ्च X X
2 उपरतबंध -na- देव देव, मनुष्य
-na- देव देव, तिर्यञ्च
कुल 28 26 16 20 6 3 2 1
गोम्मटसार कर्मकांड गाथा -- 645