विशेष :
| मोहनीय कर्म के बंध अधिकरण, उदय-सत्त्व आधेय त्रिसंयोग भंग |
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बंधस्थान |
उदयस्थान |
सत्वस्थान |
विशेष |
| मिथ्यात्व |
22 |
10,9,8 |
28 |
सादि मिथ्यादृष्टि |
| 7 |
अनंतानुबंधी के उदय रहित |
| 10,9,8 |
27 |
सम्यक्त्व प्रकृति की उद्वेलना वाले |
| 26 |
अनादि मिथ्यादृष्टी / मिश्र-प्रकृति की उद्वेलना वाले |
| सासादन |
21 |
9,8,7 |
28 |
चारों गति के सासादन |
| मिश्र |
17 |
9,8,7 |
28,24 |
चारों गति के सम्यक्मिथ्यात्वी |
| असंयत स. |
9,8,7,6 |
28,24 |
क्षायोपशमिक / औपशमिक सम्यक्त्वी |
| 9,8,7 |
23,22 |
क्षायिक-सम्यक्त्व प्रस्थापक |
| 8,7,6 |
21 |
क्षायिक सम्यक्त्वी |
| देशविरत |
13 |
8,7,6,5 |
28,24 |
क्षायोपशमिक / औपशमिक सम्यक्त्वी |
| 8,7,6 |
23,22 |
क्षायिक-सम्यक्त्व प्रस्थापक |
| 7,6,5 |
21 |
क्षायिक सम्यक्त्वी |
| प्रमत्त / अप्रमत्त संयत |
9 |
7,6,5,4 |
28,24 |
क्षायोपशमिक / औपशमिक सम्यक्त्वी |
| 7,6,5 |
23,22 |
क्षायिक-सम्यक्त्व प्रस्थापक |
| 6,5,4 |
21 |
क्षायिक सम्यक्त्वी |
| अपूर्वकरण |
उ.श्रे. |
6,5,4 |
28,24,21 |
उपशम-श्रेणी |
| क्ष.श्रे. |
21 |
क्षपक श्रेणी |
| अनिवृतिकरण |
उ.श्रे. |
5 |
2 |
28,24,21 |
सवेद, पुरुष-वेद सहित श्रेणी आरोहण |
| क्ष.श्रे. |
13,12,11 |
| उ.श्रे. |
4 |
2 |
28,24,21 |
सवेद, स्त्री/नपुंसक वेद सहित श्रेणी आरोहण |
| 1 |
अवेद |
| क्ष.श्रे. |
2 |
13,12,11 |
सवेद, स्त्री/नपुंसक वेद सहित श्रेणी आरोहण |
| 1 |
11,5,4 |
अवेद |
| उ.श्रे. |
3 |
1 |
28,24,21 |
अवेद |
| क्ष.श्रे. |
4,3 |
नवक समयप्रबद्ध की विवक्षा / अविवक्षा |
| उ.श्रे. |
2 |
1 |
28,24,21 |
अवेद |
| क्ष.श्रे. |
3,2 |
नवक समयप्रबद्ध की विवक्षा / अविवक्षा |
| उ.श्रे. |
1 |
1 |
28,24,21 |
अवेद |
| क्ष.श्रे. |
2,1 |
नवक समयप्रबद्ध की विवक्षा / अविवक्षा |
| गोम्मटसार कर्मकांड गाथा -- 662-664, 674-679 |
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