विशेष :
| नाम कर्म के बंध अधिकरण, उदय, सत्त्व आधेय त्रिसंयोग भंग |
| बंधस्थान |
उदयस्थान |
सत्वस्थान |
बंध |
स्वामी |
| 23 |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
5 (92,90,88,84,82) |
एकेन्द्रिय अपर्याप्त |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि त्रस/स्थावर |
| 5 (21,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
कर्म-भूमि, मिथ्यादृष्टि |
| 25 |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
5 (92,90,88,84,82) |
एकेन्द्रिय पर्याप्त / त्रस अपर्याप्त |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि त्रस/स्थावर |
| 5 (21,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
कर्म-भूमि, मिथ्यादृष्टि |
| 5 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
एकेन्द्रिय पर्याप्त |
देव |
भवनत्रिक से सौधर्म-द्विक, मिथ्यादृष्टि |
| 26 |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
5 (92,90,88,84,82) |
एकेन्द्रिय पर्याप्त, उद्योत / आतप |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि त्रस/स्थावर |
| 5 (21,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
मनुष्य |
कर्म-भूमि, मिथ्यादृष्टि |
| 5 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
देव |
भवनत्रिक से सौधर्म-द्विक, मिथ्यादृष्टि |
| 28 |
4 (28,29,30,31) |
3 (92,90,88) |
नरक / देव गति |
संज्ञी / असंज्ञी तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 2 (30,31) |
1 (90) |
देव गति |
संज्ञी तिर्यञ्च |
सासादन |
| 2 (92,90) |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
| 6 (21,26,28,29,30,31) |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
| 2 (30,31) |
देशसंयत |
| 3 (28,29,30) |
4 (92,91,90,88) |
नरक / देव गति |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (30) |
1 (90) |
देव गति |
सासादन |
| 2 (92,90) |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
| 5 (21,26,28,29,30) |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| 5 (25,27,28,29,30) |
प्रमत्त-संयत |
| 1 (30) |
अप्रमत्त-संयत |
| अपूर्वकरण |
| 29 |
9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
7 (93,92,91,90,88,84,82) |
त्रस तिर्यञ्च / मनुष्य, देव-तीर्थंकर |
सामान्य |
| 5 (21,25,27,28,29) |
3 (92,91,90) |
पंचेंद्रिय तिर्यञ्च / मनुष्य |
नरक |
मिथ्यादृष्टि, नरक सामान्य |
| 2 (21,25) |
1 (91) |
मिथ्यादृष्टि, 1-3 नरक, तीर्थंकर सत्त्व सहित |
| 3 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, 1-6 नरक, तीर्थंकर सत्त्व रहित |
| पंचेंद्रिय तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि, 7 नरक |
| 1 (29) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय तिर्यञ्च / मनुष्य |
सासादन |
| 1 (29) |
2 (92,90) |
मनुष्य-गति |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
| 5 (21,25,27,28,29) |
3 (92,91,90) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, 1 नरक |
| 1 (29) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, 2-3 नरक |
| 2 (92,90) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, 4-7 नरक |
| 9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
5 (92,90,88,84,82) |
त्रस तिर्यञ्च / मनुष्य |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि |
| 5 (21,24,26,30,31) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय तिर्यञ्च / मनुष्य |
सासादन |
| 5 (21,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
त्रस तिर्यञ्च / मनुष्य |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (30) |
1 (91) |
मनुष्य-गति |
मिथ्यादृष्टि, तीर्थंकर के सत्त्व युक्त |
| 5 (21,26,30) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय तिर्यञ्च / मनुष्य |
सासादन |
| 5 (21,26,28,29,30) |
3 (93,91) |
देवगति,तीर्थंकर |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
| 1 (30) |
देशसंयत |
| 5 (25,27,28,29,30) |
प्रमत्त-संयत |
| 1 (30) |
अप्रमत्त-संयत,अपूर्वकरण |
| 5 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
संज्ञी पंचेंद्रिय, मनुष्य |
देव |
मिथ्यादृष्टि, भवनत्रिक से सहस्रार |
| मनुष्य-गति |
मिथ्यादृष्टि, ग्रैवेयिक |
| 3 (21,25,29) |
1 (90) |
संज्ञी पंचेंद्रिय, मनुष्य |
सासादन, भवनत्रिक से सहस्रार |
| मनुष्य-गति |
सासादन, ग्रैवेयिक |
| 1 (29) |
2 (92,90) |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
| 1 (29) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, भवनत्रिक |
| 5 (21,25,27,28,29) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, वैमानिक |
| 30 |
5 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
पंचेंद्रिय-उद्योत-तिर्यञ्च |
नरक |
मिथ्यादृष्टि |
| 1 (29) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय-उद्योत-तिर्यञ्च |
सासादन |
| 5 (21,25,27,28,29) |
1 (91) |
मनुष्य,तीर्थंकर |
असंयत सम्यग्दृष्टि, 1 नरक |
| 1 (29) |
असंयत सम्यग्दृष्टि, 2-3 नरक |
| 9 (21,24,25,26,27,28,29,30,31) |
5 (92,90,88,84,82) |
त्रस,पर्याप्त,उद्योत,तिर्यञ्चगति |
तिर्यञ्च |
मिथ्यादृष्टि, सामान्य |
| 1 30 |
4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, उच्छ्वास पर्याप्ति, उद्योत |
| 4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, भाषा-पर्याप्ति, विकलत्रय |
| 2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, भाषा-पर्याप्ति, पंचेंद्रिय |
| 1 31 |
4 (92,90,88,84) |
मिथ्यादृष्टि, भाषा-पर्याप्ति, विकलत्रय, उद्योत |
| 2 (92,90) |
मिथ्यादृष्टि, भाषा-पर्याप्ति, पंचेंद्रिय, उद्योत |
| 5 (21,24,26,30,31) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय-उद्योत-तिर्यञ्च |
सासादन |
| 5 (21,26,28,29,30) |
4 (92,90,88,84) |
त्रस,पर्याप्त,उद्योत,तिर्यञ्चगति |
मनुष्य |
मिथ्यादृष्टि |
| 3 (21,26,30) |
1 (90) |
पंचेंद्रिय-उद्योत-तिर्यञ्च |
सासादन |
| 1 (30) |
1 (92) |
देवगति,आहारक-द्विक |
अप्रमत्त, अपूर्वकरण |
| 5 (21,25,27,28,29) |
2 (92,90) |
पंचेंद्रिय-उद्योत-तिर्यञ्च |
देव |
मिथ्यादृष्टि, भवनत्रिक से सहस्रार |
| 3 (21,25,29) |
1 (90) |
सासादन |
| 5 (21,25,27,28,29) |
2 (93,91) |
मनुष्य,तीर्थंकर |
असंयत सम्यग्दृष्टि, वैमानिक |
| 31 |
1 (30) |
1 (93) |
देवगति,आहारक-द्विक,तीर्थंकर |
मनुष्य |
अप्रमत्त, अपूर्वकरण |
| 1 |
1 (30) |
4 (93,92,91,90) |
यश:कीर्ती |
मनुष्य |
अपूर्वकरण |
| 8 (93,92,91,90,80,79,78,77) |
अनिवृतिकरण |
| सूक्ष्मसाम्पराय |
| 0 |
1 (30) |
4 (93,92,91,90) |
-na- |
मनुष्य |
उपशान्तमोह |
| 1 (30) |
4 (80,79,78,77) |
क्षीणमोह |
| 1 (30) |
सयोगकेवली |
| 5 (21,27,29,30,31) |
2 (80,78) |
समुद्घात-केवली |
तीर्थंकर-केवली |
| 21 |
तीर्थंकर-केवली, कार्मण काल |
| 27 |
तीर्थंकर-केवली, मिश्र शरीर काल |
| 29 |
तीर्थंकर-केवली, शरीर पर्याप्ति काल |
| 30 |
तीर्थंकर-केवली, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 31 |
तीर्थंकर-केवली, भाषा पर्याप्ति |
| 5 (20,26,28,29,30) |
2 (79,77) |
सामान्य-केवली |
| 20 |
सामान्य-केवली, कार्मण काल |
| 26 |
सामान्य-केवली, मिश्र शरीर काल |
| 28 |
सामान्य-केवली, शरीर पर्याप्ति काल |
| 29 |
सामान्य-केवली, उच्छ्वास पर्याप्ति |
| 30 |
सामान्य-केवली, भाषा पर्याप्ति |
| 1 (9) |
3 (80,78,10) |
अयोगकेवली |
तीर्थंकर-केवली |
| 10 |
तीर्थंकर-केवली, चरम समय |
| 1 (8) |
3 (79,77,9) |
सामान्य-केवली |
| 9 |
सामान्य-केवली, चरम समय |
|