+ भगवान महावीर के पूर्व भव -
भगवान महावीर के पूर्व भव

  विशेष 

विशेष :


भगवान महावीर के पूर्व भव
क्षेत्र नाम स्त्री पिता-माता विशेष
जंबूद्वीप -> पूर्व-विदेह -> पुष्कलावती -> पुंडरीकिणी पुरुरवा कालिका
सौधर्म-स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> कोशल -> अयोध्या मरीचि भरत-चक्रवर्ती / धारिणी त्रिदण्डी वेष, परिव्राजक शास्त्र की रचना, शिष्य कपिल
ब्रह्म-स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> अयोध्या जटिल कपिल-ब्राह्मण / काली वेद-मति
सौधर्म-स्वर्ग
अयोध्या -> स्थूणागार पुष्पमित्र भारद्वाज-ब्राह्मण / पुष्पदंता सांख्य-मत का प्रचार
सौधर्म-स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> श्वेतिक अग्निसह अग्निभूति ब्राह्मण / गौतमी एकांत मत के शास्त्र का ज्ञाता, परिव्राजक
सानत्कुमार-स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> मंदिर अग्निमित्र गौतम-ब्राह्मण त्रिदण्डी
माहेन्द्र-स्वर्ग (५वें स्वर्ग?)
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> मंदिर भारद्वाज सायंकायन-ब्राह्मण / मंदिरा त्रिदण्डी
ब्रह्म-स्वर्ग
असंख्यात त्रस-स्थावर योनियों में जन्म
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> मगध -> राजगृह स्थावर शांडिलि-ब्राह्मण / पारासिरी वेद-मति / परिव्राजक दीक्षा
माहेन्द्र-स्वर्ग (५वें स्वर्ग?)
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> मगध -> राजगृह विश्वनंदी विश्व-भूति राजा / जैनी विश्वभूति का छोटा भाई विशाखभूति (आगे दसवें स्वर्ग में देव) के बेटे विशाखनंद के मायाचार के बदले दीक्षा धारण की और निदान पूर्वक मरण
महाशुक्र-स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> सुरम्य-देश -> पोदनपुर त्रिपृष्ट स्वयंप्रभा (ज्वलनजटी / वायुवेगा की पुत्री) प्रजापति / मृगावती विजय-बलभद्र (विशाखभूति का जीव, जयावती रानी द्वारा), मुक्त हुआ; अश्वग्रीव (विशाखनन्द का जीव) विजयार्ध-पर्वत की उत्तर श्रेणी में अलका नगरी (मयूरग्रीव राजा, नीलांजना रानी का पुत्र), सातवें नरक में गया
सातवें नरक
वनिसिंह-पर्वत क्रूर सिंह
पहला नरक
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> हिमवान पर्वत के ऊपर सिंह चारण-ऋद्धि धारी अजितञ्जय और अमितगुण मुनि द्वारा सम्बोधन
सौधर्म-स्वर्ग
धातकी-खंड -> पूर्व-विदेह -> मंगलावती देश -> विजयार्ध पर्वत -> कनकप्रभ कनकोज्वल कनकावती कनकपुंख / कनकमाला जिनदीक्षा
लान्तव (७) स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> कौशल देश -> अयोध्या हरिषेण वज्रसेन राजा / शीलवती रानी मुनिव्रत
महाशुक्र (१०) स्वर्ग
धातकी-खंड -> पूर्व-विदेह -> पुष्कलावती देश -> पुण्डरीकिणि प्रियमित्र चक्रवर्ती सुमित्र / सुव्रता जिनदीक्षा
सहस्रार (१२) स्वर्ग
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> छत्राकार नन्द नंदिवर्धन राजा / वीरवती रानी जिनदीक्षा, तीर्थंकर प्रकृति का बंध
अच्युत (16) स्वर्ग में इन्द्र
जंबूद्वीप -> भरत-क्षेत्र -> कुंडलपुर वर्धमान सिद्धार्थ राजा / त्रिशला रानी भगवान महावीर