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सीमंधर स्वामी
Karaoke :
तर्ज :- जिनवाणी माता दर्शन की बलिहारियां


सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥टेक॥
इस संसार असार में कोई, और न रक्षक मेरा ॥
सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥1॥

लख चौरासी जोनी में मैं, फ़िरि फ़िरि कीनों फ़ेरा
तुम महिमा जानी नहीं प्रभु, देख्या दु:ख घनेरा ॥
सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥2॥

भाग उदयतैं पाइया अब, कीजे नाथ निवेरा
बेगी दया करी दीजिये मुझे, अविचल थन-बसेरा ॥
सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥3॥

नाम लिये अघ ना रहै ज्यों, ऊगें भान अंधेरा
'भूधर' चिंता क्या रही ऐसी, समरथ साहिब तेरा ॥
सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥4॥



अर्थ : हे सीमंधर स्वामी ! मैं आपके चरणों का दास हूँ, सेवक हूँ, भक्त हूँ।
इस नश्वर, सारहीन संसार में मेरी रक्षा करनेवाला रक्षक और कोई भी नहीं है। चौरासी लाख योनियों में बार-बार जन्म लेकर फिरता रहा हूँ पर आपकी महिमा को नहीं जाना, इस कारण तीव्र दु:खों को भोगना पड़ा है।
अब मेरा भाग्योदय हुआ है कि आपके प्रति भक्ति जागृत हुई है। हे नाथ! अब मेरा निबटारा कर दीजिए। शीघ्र ही कृपाकर अविचल स्थान सिद्ध-शिला पर मुझे अक्षय निवास प्रदान कीजिए।
जैसे सूर्य के उदय होने पर अंधकार मिट जाता है, उसी प्रकार आपका नाम स्मरण करने से पाप नहीं ठहरते, वे नष्ट हो जाते हैं । भूधरदास कहते हैं कि जिसके स्वामी की ऐसी सामर्थ्य है उसको फिर कौनसी चिन्ता शेष रह सकती है ?